आखिर तू क्यों दिल के इतने पास हैं
(हिंदी कविता)
हेल्लो दोस्ती फिर से स्वागत है आपका आपके इस साइट मेरी वफ़ा पर दोस्तो आज में फिर से प्यार मोहब्बत की एक कविता आप लोगो के सामने पेश करती हूँ
दोस्तो ये एक प्रेमिका के दिल का हाल है जिसे वो अपनी कविता के माध्यम से अपने प्रेमी को बताना चाहती है।
दोस्तों वैसे तो प्यार कब हो जाये कुछ पता नही चलता है और इसे भुलाना आसान भी नही होता और अगर ये प्यार बचपन की दोस्ती का हो और फिर मोहब्बत में बदल जाये तो फिर इसे भुलाना ना मुमकिन है।
यह कविता बचपन की दोस्ती का प्यार में तब्लील होने की है ,इसमे प्रेमिका अपने प्रेमी जो बचपन से ही उसके ज़िन्दगी में दोस्ती के रिश्ते से था ,वो उस प्यार और उस मोहब्बत को खोने से डरती है।
देखते है कविता के माध्यम से वो क्या कहती है--
आखिर तू 👉क्यों इतने दिल 💓के पास है
कोई तो वजह जरूर है जो तू 👉 इतना खाश है।
मेरे दोस्तों 👫 में सबसे पहले तेरा ही👉🕴नाम आता है ,
रब की कसम हमारा पिछले कई जन्मों से नाता है 💏
9 class में भोलेनाथ ने मुझे तुझसे मिलाया था👉
और उस मुलाकात में तुझे मेरा bestfriend जो बनाया था 🕴 ।
वो वक्त वो हर लम्हे में कैसे भूल जाऊ जो मेने तेरे 👉साथ बिताए थे,
उस वक्त तुम्हारे पास कुछ दोस्त 💑 मुझसे भी खाश थे,
लेकिन तुम तो मेरे दिल 💗 के तब भी बहुत पास थे ।
888444666663 ये वो नंबर है जो में अक्सर मिलाया ☎️करती थी
जब भी तेरा पक पक सुनने को दिल.💟 तरसता था
ज्यादा तर तेरे ही बारे में सोचा🤔करती थी ।
यह तक कि तेरे घर आकर तेरी handwriting तक copy📙 किया करती थी ।
लिखावट तेरी कमाल थी ,
स्माइल😁तो बेमिशाल थी
सायद जब कोई तुझसे बात किया करे तो में मन ही मन जलती थी ,
अब तक कि ज़िन्दगी में मैने कई सारे दोस्तों का साथ पाया 💏,
और सब को तेरे बारे में बता बता के पकाया,
कही ना कहीं में आज भी तुझपे👉 मरती हूँ,
कही तुझे मुझसे 👈अच्छा ना मिल जाये इस बात से में मन ही मनडरती हूँ।
इसी डर से में रब से यही दुआ करती हूँ
ये खुदा मुझपे एक एहसान जरूर करना
इस दोस्त को मुझसे कभी जुदा ना करना 😘😘.
धन्यवाद
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Thank you