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हल्द्वानी शहर का नाम हल्द्वानी रखा जाने का कारण शायद ही आप जानते हो (हल्द्वानी का इतिहास)

हल्द्वानी का इतिहास


दोस्तों नमस्कार आज  के इस artical में हम आपको हलद्वानी शहर  के इतिहास के बारे में बताने जा रहे  है तो please इस पोस्ट को लास्ट तक पढ़ियेगा  । अच्छा लगे तो comment करके बताइयेगा।

हल्द्वानी शहर - 

Haldwani 


हल्द्वानी उत्तराखंड राज्य में स्तिथ एक महानगर है, और यह नैनीताल जिले के अंदर आता है ।और हल्द्वानी उत्तराखण्ड राज्य में तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला शहर है ।  हल्द्वानी शहर की स्थापना 1834 ई में हुए थी उस समय इसे। कुमाऊँ का बाजार नाम से जाना जाता था । स्थानीय भाषा मे हल्द्वानी को हल्द्वाणी  कहा जाता है।

क्या आपको पता है हल्द्वानी का नाम हल्द्वानी क्यों पड़ा ? 


दोस्तो हल्द्वानी शहर अपने आप में एक खूबसूरत   शहर है यहाँ के हरे भरे पेड़ो एवं हरियाली ने इसकी खूबसूरती पर चार चांद लगा दिए। इसका नाम भी एक ऐसे ही  खाश पेड़ के नाम से पड़ा  उस पेड़ का नाम है 
'हल्दू' दोस्तों हल्दू के नाम से ही हल्द्वानी शहर का नाम हल्द्वानी पड़ा ।जहां एक वक्त ऐसा था की हल्दू के पेड़ काफी हुआ करते थे। जिनका प्रयोग सुंदर- सुंदर डिजाइनदार फर्नीचर बनाने के लिए किया जाता था । आज ये ही पेड़ विलुप्ति की कगार में है । आने वाले कुछ सालों बाद शायद इस पेड़ का नाम ही रह जायेगा।


Kumaun ka dwar


कुमाऊँ की तलहटी में स्थित होने के कारण इसे गेटवे ऑफ कुमाऊँ  अर्थात कुमाऊँ का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है। हल्द्वानी शहर में मुख्य रूप से कुमाऊनी, हिंदी,  पंजाबी भाषा बोली जाती है  ।

हल्द्वानी क्षेत्र - 

Uttarakhand ki shan hai haldwani

उत्तराखंड के दक्षिण - पूर्व हिस्से  में स्थित हल्द्वानी  महानगरी क्षेत्र.का प्रमुख शहर है । हल्द्वानी कुमाऊ का सबसे बड़ा  आर्थिक शैक्षिक व्यापारिक एवं आवासीय केंद्र है। हल्द्वानी काठगोदाम के अलावा हल्द्वानी महानगर में 11  कॉलोनी  ( दमुआ धूंगा बादोबस्ती , ब्यूरो , बामोरी तल्ली बंदोंबस्ती, अमरावली कॉलोनी , सक्ति विहार,  भट्ट कॉलोनी , मानपुर उत्तर, हरिपुर सूखा, कुसुमखेड़ा , बामोरी तल्ली  और बामोरी मल्ली खम  ) और  दो जनगणना नगर (मुखानी और तल्ली हल्द्वानी ) शामिल है । 

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