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वो दिल ही क्या जो तेरे मिलने की दुवा ना करे (best anchoring shayari in hindi )







HINDI  SHAYRI  FOR  FUNCTION  PRESENTATION

 




Anchoring shayri 



 anchoring shayri in hindi , anchoring shayri, एंकरिंग के लिए शायरी ,  एंकरिंग शायरी 


आज के इस article में आपके लिए एक बेहतर एंकरिंग  शायरी का कलेक्शन लेकर आये है दोस्तों ये शायरिया आप किसी भी फंक्शन में अपने किसी खाश इन्सान को कह सकते है या फिर उन्हें सुना सकते है ,इसमें जो भी शायरिया है ये मेरे द्वारा रचित नहीं है, बल्कि इन्हें इन्टरनेट से लिया गया है | बस मुझे अच्छी लगी तो सोचा क्यों ना आप तक इन्हें शेयर किया जाए ताकि आप इन्हें पड़े और इनका आनद ले

 

 

नज़रो को बदलो, नज़ारे बदल जायेंगे

अपनी को चाहो, सितारे बदल जायेंगे

जरुरत नहीं होती है कश्ती बदलने की

दिशाओ को बदलो, किनारे बदल जायेंगे |

 

 

आसमान  को जिद है सादिक ,

जिस जगह बिजलिया गिराने की

हमने भी खायी है कसम है यारो,

वही आशियां बनाने की  |

 

 

 

सुबह होती है, शाम होती है

जिंदगी यूंही तमाम होती है

जीना तो आपका है हुजुर

जिनको  हर तरफ सलाम होती है |

 

 

 

डालकर रंग वो पुरानी  तस्वीर बदल देते है ,

कुछ  लोग खुदा की लिखी तकदीर बदल देते है |

हिम्मत हो रब्बा तो हर बात है मुमकिन

बदलने वाले तो कमान से निकले तीर बदल देते है |

 

 









 

नज़र ने नज़र से मुलाकात कर ली,

रहे दोनों खामोश मगर बात कर ली

इस ज़माने में उसने बड़ी बात कर ली

जिसने अपने आप से मूलाकात कर ली |

 

 

जो करते है  होंसला मंजिल को पाने का,

उनकी ही दुनिया कद्रदान होती है

पंख होना ही खाफी नहीं है परिदों के लिए,

होसलो से ही हर उड़ान होती है |

 

 

 

मुहँ की बात सुने हर कोई,

दिल के दर्द को जाने ना कोई

आवाजो के बाजारों में,

ख़ामोशी पहचाने ना कोई |

 

 

 

देकर जुल्म रुलाने की बात ये जमाना करे ,

दिल की शम्मा को बुझाने की कोशिश ये शम्मा किया करे |

उजाले बनकर रोशन जिसको दुवा करे,

उस चिराग को डर  है किसका जिसकी हिफाजत खुदा करे |

 

 

 

जिसको कभी देखा नहीं उसको खुदा कहते है

जो है आखो के सामने, उसको बुरा कहते है |

ये तो चाँद पत्तो का लहूँ है फाकिर ,    

लोग जिसे महबूब के हाथो की हीना कहते है

 

 

 

वक्त और ख़ुशी आपके गुलाम होंगे

हर पल मेरी सासों में आपके ही नाम होंगे |

कभी मुड़कर देखिएगा अपने कदमो के निशान

आपके हर कदम के नीचे मेरे हाथो के निशान होंगे |

 

 

 

यहाँ हर पल हर सख्स हादसा होने से डरता है ,

खिलौना है मिटटी का जो फनाह होने से डरता है |

मेरे दिल के कोने में एक मासूम सा बच्चा ,

बड़ों की दुनिया देखर बड़ा होने से डरता है |

दिल में चुभने वाला कोई काँटा सही सलामत दे ,

आखं दे या न दे मगर सपना सही सलामत दे |

 

बच्चे भी खेल रहे है खतरनाक हथियारों से ,

इनके बचपन  को कोई गुडिया सही सलामत दे |

बिना इनके जिंदगी में कोई खुशिया नहीं ,

वो नहीं तो मेरे लबों में हसी भी नहीं

 

 



न समझे वो तो हम क्या करे,

इस दिल में उनके जेसी कोई जगह नहीं |

 

 

जब भी तन्हाई से घबराकर सिमट जाते है ,

हम तेरी याद के दामन से लिपट जाते है |

उनके तूफान को भी अब अफ़सोस हुवा करता है

वो सकीने किनारों पर आकर उलट जाते है |

 

 

 संता बंता जोक्स 



वो दिल ही क्या, तेरे मिलने की जो दुवा ना करे ,

मैं तुझको भूलकर जिंदा रहूँ खुदा ना करे |

रहेगा तेरा प्यार, जिंदगी बनकर

ये और बात है कि मेरी जिंदगी वफ़ा ना करे |

 

 

सितारे बदल जाने से चाँद फीका नहीं होता

कांटे की ओट से गुलाब नीचा नहीं होता |

जरुरत होती है दुनिया मैं गम की भी ,

गम के बिना खुशियों का सिलसिला नहीं होता |

 

 

 

गुरुर ना कर यू पत्थरों के महल बनाकर ,

मत चलो तुम बाग़ ए बहार में इतना इतराके

ये जिंदगी है चार दिनों की क्योंकि ,

कुदरत ने एसे अनेक बाग़ उजाड़ दिए बना बनाके |

 विजय कुमार हीर


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