संचार में कारक
संचार में कारकों को मुख्य दो भागों में विभाजित किया जा सकता है । एक वे कारक जो संचार को प्रभावी बनाने में सहायक होते है दूसरे जैसे कारक जो कि संचार व्यवस्था में नकारात्मक भूमिका निभाते है। संचार को प्रोत्साहित करने वाले कारक है :-
विषय का ज्ञान: - संचारक को संचारित किये जाने वाले विषय की पूरी जानकारी होनी आवश्यक है। विषय के गहन अध्ययन के अभाव में संचार सफल नहीं हो सकता है।
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संचार कौशल: - संचार प्रक्रिया के दो महत्वपूर्ण पहलू है संकेतीकरण एवं संकेत को समझना। संकेतीकरण के अन्तर्गत लेखन एवं वाक्शक्ति आते है तथा संकेत के अर्थनिरूपण में पठन एवं श्रवण जैसी विधाए शामिल है । इसके अतिरिक्त सोचना तथा तर्क करना सफल संचार के लिये आवश्यक है ।
संचार माध्यमों का ज्ञान: - संचार कार्य विन्नि माध्यमों से सम्पन्न होता है । संचार माध्यमों की प्रकृति, प्रयोज्यता एवं उपयोग की विधि के विषय में संचारक को ज्ञान होना चाहिए ।
रूचि: - किसी भी कार्य के सफल क्रियान्वयन के लिये आवश्यक है कि कार्यकर्ता अपने कार्य में रूचि ले तथा पूरी तन्मयता के साथ उसका निर्वाह करें । रूचिपूर्वक कार्य सम्पादित करके संचारक न केवल अपनी उन्नति के द्वार खोलना है बल्कि दूसरों की प्रगति का मार्गदर्शक भी बनता है ।
अभिवृत्ति - हर व्यक्ति की अपने कार्य, स्थल तथा सहकर्मियों के प्रति कुछ अभिवृत्तियाँ होती है । ये अभिवृत्तियाँ व्यक्ति की कार्य-सम्पादन शैली को प्रभावित करती है । यदि संचारक अपने कार्य, कार्य-स्थल, सहकर्मियों तथा संचार ग्रहणकर्ता के प्रति आस्थावान हो और सामान्य सौहार्दपूर्ण अभिवृत्ति रखता हो तो वह निश्चित रूप में अपने कार्य में सफल होगा ।
विश्वसनीयता - विश्वसनीयता संचारक का अति महत्वपूर्ण गुण है । संचारक के प्रति विश्वसनीयता सन्देश ग्राºयता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है । संचारक के प्रति ग्रहणकर्ताओं में जितना ही अटूट विश्वास होगा, ग्रहणकर्ता उतनी ही तत्परता, तन्मयता तथा सम्पूर्णता के साथ सन्देश को ग्रहण करेगें ।
अच्छा व्यवहार - संचारक की भूमिका एक मार्ग-दर्शक की होती है । ग्रहणकर्ता के साथ उसका अच्छा व्यवहार सफल संचार-सम्बन्ध को स्थापित कर सकता है ।
संदेश स्पष्ट एवं सरल होने चाहिये ।
संचार व्यवस्था में नकारात्मक भूमिका को निभाने वाले कारक निम्न है :-
1. उपयुक्त एवं उचित संचार प्रक्रिया का आभाव
2. वैधानिक सीमायें एवं अनुपयुक्त संचार नीति
3. अनुपयुक्त वातावरण
4. उचित रणनीति का आभाव
5. सरल एवं स्पष्ट भाषा का आभाव
6. प्रेरणा का आभाव
7. संचार कुशलता का आभाव
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